बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर
अध्याय - 5
सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म एवं उपग्रह
(Platform & Satellites of Remote Sensing)
प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर -
पृथ्वी की किसी भी वस्तु को सुदूर किसी भी स्पेक्ट्रम क्षेत्र से अध्ययन करना ही सुदूर संवदेन कहलाता है। पृथ्वी के धरातल के विभिन्न संसाधनों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के लिए वायु मण्डल और अंतरिक्ष आधारित प्लेटफॉर्मों का उपयोग किया जाता है। भूमि आधारित सुदूर संवेदन प्रणाली का उपयोग संसाधनों के भू-सत्यापन अथवा प्रयोगशाला की आवश्यकता के लिये किया जाता है। वायुयान एवं अन्तरिक्ष शटल का उपयोग भी इसी कार्य में किया जाता है।
प्लेटफॉर्म
अन्तरिक्ष का वह स्थान जहाँ पर कैमरा या संवेदक लगा हुआ होता है प्लेटफॉर्म कहलाता है। इसका प्रयोग लक्ष्य या धरातल के किसी भाग की सूचनाओं को प्राप्त करने में किया जाता है। सुदूर संवेदन में प्रयोग किये जाने वाले सभी गुब्बारों, हैलीकाप्टरों, वायुयानों, अन्तरिक्ष शटल, रॉकेटों तथा अन्तरिक्षयानों को सुदूर संवेदन का प्लेटफॉर्म कहा जा सकता है। इनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के आधार पर किया जाता है। सुदूर संवेदन के लिए प्लेटफॉर्म का उपयोग, संवेदक के प्रकार, प्रचालन ऊँचाई, पेलोड, प्रचालन परास, समय, लागत इत्यादि को ध्यान में रखकर किया जाता है। उद्देश्यों की प्रकृति के आधार पर प्लेटफॉर्म कई प्रकार के होते हैं।
(1) भू-आधारित प्लेटफॉर्म
(Ground Based Platform)
भू-आधारित प्रणाली के तहत धरातल, वाहन और मीनार को संसाधन रूप में अपनाया जाता है। सुदूर संवेदन प्रणाली में धरातल पर आधारित प्लेटफॉर्म का उपयोग मुख्यतः धरातलीय संसाधनों के अध्ययन के लिये किया जाता है। भूमि सत्यापन द्वारा वास्तविक स्थिति से सम्बन्धित सूचनाओं को एकत्रित कर प्रयोगशाला में अध्ययन किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म के अन्तर्गत अनुसंधानकर्ता स्वयं घटना स्थल पर जाकर प्राप्त की गई सूचनाओं का सत्यापन करता है। सत्यापन के बाद नई सूचनाओं को सम्मिलित करके किसी परिणाम या निष्कर्ष पर पहुँचता है। भू-धरातल की वास्तविक सत्यता का अवलोकन और मापन करने के लिए कई विधियाँ प्रचलित हैं। इन विधियों का उपयोग तब और भी अधिक हो जाता है जब कई प्रकार की क्रियायें वायुमण्डल के 4 या 5 किलोमीटर की ऊँचाई तक होती हैं। रडार, डॉपलर, लीडर, लघुतरंग रेडियोमीटर, डॉवसन स्पेक्ट्रोमीटर इत्यादि कई स्थल आधारित सुदूर संवेदन के यंत्र हैं जिनका उपयोग मौसम एवं जलवायु विज्ञान की सूचनाओं को एकत्र करने के लिए किया जाता है।
(2) वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म
(Air Based Platform )
इस प्लेटफॉर्म का प्रयोग वायु फोटोचित्रों को खींचने के लिये किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म पर फोटो-विश्लेषण तथा फोटोग्रामेट्रिक का अध्ययन किया जाता है। इस प्लेटफॉर्म में वायुयानों पर क्रमवीक्षक लगे होते हैं। क्रमवीक्षक की उपयोगिता एवं कार्य के परख की जाँच, वायुयान एवं उपग्रह मिशन से पूर्व भलीभाँति की जाती है। उद्देश्य एवं उपयोगिता के आधार पर क्रमवीक्षक में भिन्नतायें होती हैं। वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
(1) गुब्बारा आधारित प्लेटफॉर्म
(2) वायुयान निर्मित प्लेटफॉर्म
(3) अन्तरिक्ष आधारित प्लेटफॉर्म
(Space Based Plateform)
अन्तरिक्ष आधारित प्लेटफॉर्म पृथ्वी के चारों ओर ध्रुवीय कक्ष में स्वतंत्र रूप से घूमते हैं। ये एक निश्चित अन्तराल पर सम्पूर्ण पृथ्वी या पृथ्वी के किसी भाग को तय करते हैं। भू-भाग को तय करना उपग्रह के मार्ग कक्ष पर निर्भर करता है। अन्तरिक्ष आधारित प्लेटफॉर्म के कारण ही हमें अधिक से अधिक सुदूर संवेदन आँकड़ों को प्राप्त करते हैं। वर्तमान में सुदूर संवेदन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत लोकप्रिय हो चुका है।
उपग्रह मिशन - अन्तरिक्ष की स्थितियों का अध्ययन करने के लिए सबसे पहले सोवियत संघ ने 4 अक्टूबर, 1957 को स्पुतनिक - 1 (Sputnik - 1 ) को प्रक्षेपित किया गया था। इसके बाद सोवियत संघ ने स्पुतनिक- 2 (Sputnik - 2 ) का अन्तरिक्ष में प्रक्षेपण किया जिसमें परीक्षण हेतु 'लाइका' नामक कुत्ता भी भेजा गया था। इन दोनों प्रक्षेपणों से यह ज्ञात हुआ कि मानव बाह्य अन्तरिक्ष में जीवित रह सकता है। 1958 में सयुक्त राज्य अमेरिका ने अन्तरिक्ष यान एक्सप्लोरर को अन्तरिक्ष में भेजा जो शुक्र ग्रह के नजदीक से गुजरा था। इसके नजदीक से भेजे गये चित्रों एवं आँकड़ों से शुक्र ग्रह की सतह पर सर्वाधिक तापमान होने तथा अपनी धूरी पर पृथ्वी की अपेक्षा शुक्र ग्रह के विपरीत दिशा में परिभ्रमण करने के विषय में वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई। 12 अप्रैल, 1961 को सोवियत संघ के यूरी गागरिन अन्तरिक्ष की यात्रा करने वाले प्रथम अन्तरिक्ष यात्री बने। इसी कड़ी में नया अध्याय उस समय जुड़ा जब 21 जुलाई, 1969 में मानव ने प्रथम बार चन्द्रमा पर अपने कदम रखे। तब से लेकर अब तक निरन्तर अन्तरिक्ष में उपग्रहों को भेजने का क्रम जारी है।
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- प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
- प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
- प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
- प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
- प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
- प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
- प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
- प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
- प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
- प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
- प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
- प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
- प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।